The Single Best Strategy To Use For shiv chalisa in hindi lyrics

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अर्थ- माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।

बुरी आदतें बाद मे और बड़ी हो जाती हैं - प्रेरक कहानी

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

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किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

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जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

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